विद्यालय प्रतिवेदन: 

  • जनपद सहारनपुर की समस्त शिक्षण संस्थाओं में जे0बी0 जैन इण्टर काॅलेज सबसे प्राचीन शिक्षण संस्थाओं में से एक है। सन् 1910 में जैन समाज के सभ्रन्त गणमान्य प्रबुद्धजनों के द्वारा एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई जिसमें हिन्दी, संस्कृत, मुण्डी हिन्दी जैन धर्म की शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इसी प्राथमिक विद्यालय को सन् 1932 में लोअर मिडिल 1935 में कक्षा-8 तक के विद्यालय की राजकीय मान्यता प्राप्त हुई। क्रमशः 1940 में आनरेरी मजिस्ट्रेट श्री जुगमंदर दास जैन के प्रयत्नों से यह हाईस्कूल बन गया। डाॅ0 रूपचंद जैन विद्यालय के प्रथम प्रधानाचार्य के पद पर आसीन हुए। नगर के सुप्रतिष्ठित रईस राय साहब लाला प्रद्युमन कुमार जैन का निर्देशन उन्हें प्राप्त होता रहा।
  • सन् 1955 में यही संस्था नगर का प्रथम डिग्री काॅलेज बनी, डाॅ0 रूपचन्द जैन डिग्री काॅलेज में प्रधानाचार्य हो गए, तब श्री चण्डी प्रसाद गुप्ता इस विद्यालय के प्रधानाचार्य बने। कालान्तर में श्री प्रहलाद सिंह कंसल, श्री आत्मा राम जी, श्री फूल चन्द दीवान ने प्रधानाचार्य पद को सुशोभित किया।
  • 02 सितम्बर 1976 को विद्यालय को विभाग द्वारा अल्पसंख्यक संस्था के रूप में मान्यता प्रदान की गई। सन् 1981 में श्री कुलभूषण कुमार जैन प्रधानाचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण किया। जिनके कुशल नेतृत्व में विद्यालय में विद्यालय नगर जनपद ही नहीं वरन प्रदेश की एक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित संस्था के रूप में विख्यात हुआ। सन् 2002 में प्रदेश की मुख्य सचिव (शिक्षा) माननीय श्रीमती नीरा यादव जी ने शिक्षा निदेशक श्री संजय मोहन जी के साथ विद्यालय का निरीक्षण किया समस्त कार्यों की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की। कुलभूषण कुमार जैन जी के विद्यालय और शिक्षा क्षेत्र के प्रति समर्पण भाव को राज्य सरकार द्वारा सम्मान देते हुए उन्हें राज्यपाल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • संस्था के सर्वांगीण विकास में विद्यालय की कार्यकारिणी समिति के पूर्व सचिव/अध्यक्ष श्री नरेश चन्द जैन (एडवोकेट) के योगदान को विस्मारित नहीं किया जा सकता। उन्हीं के सद् प्रयासों से यह संस्था नगर के व्यस्ततम क्षेत्र सरसावा बाजार के कोलाहलमय वातारण से दूर कलसिया रोड के शान्त एवं सुरम्य वातावरण के बीच नए भवन में स्थानान्तरित हुई। पूर्व सचिव श्री प्रकाश चन्द जैन जी का भी संस्था के विकास में सराहनीय योगदान रहा है।
  • सन् 2011 में श्री कुलभूषण कुमार जैन जी के सेवानिवृत्त होने पर श्री अतुल कुमार जैन ने लगभग 10 वर्ष प्रधानाचार्य पद पर अपनी सेवायें प्रदान कीं। युवा नेतृत्व में विद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा। सन् 2021 में उनकी असमय मृत्यु के पश्चात् विद्यालय की प्रबन्धकारिणी समिति, प्रधानाचार्य और शिक्षक समूह के संयुक्त प्रयासों का ही परिणाम है कि बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल कभी निराशाजनक नहीं रहते। हारा परीक्षा परिणाम 80 से शत प्रतिशत तक रहता है। परीक्षा परिणाम विद्यालय की प्रभावी शिक्षण व्यवस्था का परिचायक है।

 श्री दीपक कुमार गुप्ता प्रधानाचार्य पद पर आसीन हुए नव नियुक्त ऊर्जावानयुवा प्रधानाचार्य के नेतृत्व                 में और विद्यालय प्रबन्धकारिणी समिति के कुशल निर्देशन में विद्यालय अपनी विकास यात्रा के पथ पर अग्रसर है।

    •  भौतिक स्वरूप: विद्यालय का वर्तमान भौतिक स्वरूप पूर्व प्रधानाचार्य श्री कुलभूषण कुमार जैन जी की ही देन है, जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से अपनी देखरेख में आवश्यक परिवर्तन, परिवहन, नवनिर्माण से इसे वर्तमान रूप दिया। विद्यालय की प्रबन्धकारिणी समिति विद्यालय भवन के विकास हेतु निरन्तर क्रियाशील है। भवन सभी शैक्षिक सुविधाओं से पूर्णतः सुसज्जित है। साफ सुथरा भवन, विशाल प्रार्थना स्थल, दवादार कक्ष सभी कक्षों में बिजली पंखों की व्यवस्था, सुविधाजनक फर्नीचर, शुद्ध पेयजल आपूर्ति, गर्मियों में शीतल जल हेतु वाटर कूलर, मूत्रालयों-शौचालयों में निरन्तर सफाई व्यवस्था, चारों ओर आम, आँवला, अर्जुन, नीम, बटु, सहजन, नींबू, रबर प्लान्ट, गुलमोहर आदि वृक्षों से सुखमय वातावरण हमारे विद्यालय की प्रमुख विशेषजायें हैं। साथ ही विशाल सुसज्जित सुव्यवस्थित भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान प्रयोगशालायें, विशाल क्रीड़ा स्थल, वाचनालय, विशाल  हाॅल, सभा-कक्ष, कम्प्यूटर लैब आदि विद्यालय की शोभा की श्रीवृद्धि कर रहे हैं।
    • शैक्षिक स्वरूप: विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की सह शिक्षा विद्यालय में उपलब्ध है। जूनियर कक्षाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, वाणिज्य, कला, पुस्तक कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा विषयों का शिक्षण कराया जाता है। हाईस्कूल स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, कला, कम्प्यूटर (प्रत्येक विद्यार्थी हेतु 6 विषय) की शिक्षा दी जाती है। जबकि इण्टर स्तर पर वाणिज्य, विज्ञान, मानविकी वर्ग में विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं। विद्यालय में इण्टर में व्यवसायिक वर्ग के छात्रों हेतु व्यवस्था है जिसमें बैकिंग, फोटोग्राफी शिशु शिक्षा ट्रेड में 25 सीटें उपलब्ध हैं।
    • विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षशिकायें योग्यता, अनुभव एवं शिक्षण कला में निष्णात है। विद्यालय के अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त हैं। विद्यालय के 4 शिक्षक विभिन्न विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त हो चुके हैं।

    • सहशैक्षिक क्रियाकलाप: विद्यालय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के सभी नैसर्गिक मानवीय गुणों का विकास करना है। विद्यार्थियों पाठ्येत्तर गतिविधियों का संचालन किया जाता है।
    • विद्यार्थियों में देश सेवा और समाज सेवा की भावना को विकसित करने के लिए एन.सी.सी., एन.एस.एस., स्काउट का विद्यालय में सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। इन सबका संचालन विभागों के निर्देशानुसार किया जा रहा है।
    • विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गाँधी जयंति जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन उत्साहपूर्वक किया जाता है।
    • विद्यालय में समय-समय पर हमारे देश के महापुरुषों की जन्म जयंतियाँ विद्यार्थियों के साथ मनाई जाती हैं।
    • विद्यालय में समय-समय पर चित्रकला, भाषण, लेखन, साहित्य, संगीत, विज्ञान सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
    • विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर प्रातः प्रार्थना सभा में प्रतिदिन विचार अभिव्यक्ति का आयोजन किया जाता है जिसमें शिक्षक विद्यार्थी दोनों ही भाग लेते हैं।
    • विद्यालय, प्रशासन द्वारा आयोजित विभिन्न प्रकार की रैलियों, यथा-बेटी बचाओ रैली, स्वच्छता जागरुकता रैली, सड़क सुरक्षा रैली, पर्यावरण संरक्षण रैली, साक्षरता रैली, जनसंख्या रैली में सदा आवश्यकतानुसार उत्साहपूर्वक सहभागिता करता रहा है।
    • विद्यालय में विद्यार्थियों को समय-समय पर योग, खेलकूद, शारीरिक व्यायाम के प्रति उत्साह विकसित करने के प्रयास किये जाते हैं।
    • विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को 4 सदन में विभाजित किया जाता है।
    • विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए विभिन्न क्लब-समितियों का गठन किया गया है। यथा-पर्यावरण क्लब, शक्ति मंच, रोड सेेफ्टी क्लब, विज्ञान क्लब आदि।